अक्सर लोगो का बैंक में आना जाना लगा रहता है क्योकि बैंक एक ऐसे जगह है जहां पर लोगो की पूँजी सुरक्षित रहती है | बहुत से लोगो को बैंक से सम्बंधित कार्यो में अक्सर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है | अगर आपको बचत खाता, उधर खाता और लोन से सम्बंधित कोई दिक्कत आती है तो बैंक आपको टोल फ्री (Toll Free) नंबर बता कर आपसे अपना पीछा छुड़ा लेता है | लेकिन अधिकतर दिए गए बैंक टोल फ्री नंबर (Bank Toll Free Number) पर बैठे कॉल सेंटर के लोग भी उपभोक्ता की समस्या का निपटारा नहीं कर पाते है | बाद में व्यक्ति बैंक (Bank) में वापस जाता है और फिर से उसकी शिकायत (grievance) को अनसुना किया जाता है |
अक्सर व्यक्ति बैंक (Bank) की इस प्रकार की खामियों से परेशान होना पड़ता है और उचित अधिकारों की जानकारी न होने पर कोई कार्यवाही (action) नहीं करता है और उसकी शिकायत का निवारण भी नहीं होता पाता है | लेकिन भारत में उपभोक्ता इस तरह के बैंक सम्बन्धी मामलो में किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं है | अगर आपकी किसी भी तरह की बैंक के खिलाफ शिकायत है तो आप इन 3 तरीको से अपनी बैंक से सम्बंधित उपभोक्ता शिकायत निवारण (consumer complaint redressal) कर सकते है |
शिकायत सेल (Complaint Cell): शिकायत सेल के जरिये आप अपनी उपभोक्ता शिकायत बैंक (Bank Consumer Complaint) के खिलाफ कर सकते है | हर बैंक में एक शिकायत सेल (Complaint Cell) होता है | आप बैंक के शिकायत सेल (Complaint Cell) में जाकर अधिकारियो के सामने अपनी बैंक के खिलाफ शिकायत को दर्ज करा सकते है |
टोल फ्री नंबर पर शिकायत (Complaint on Toll-free number): हर बैंक के पास अपना एक टोल फ्री नंबर होता है जिसपर आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते है | अधिकतर राष्ट्रीयकृत बैंको (nationalised bank) का एक टोल फ्री (Toll Free) नंबर होता है, जिस पर कॉल करके कोई भी कंस्यूमर बैंक के खिलाफ अपनी शिकायत कर सकता है और शिकायत (complaint) करने के बाद आपको शिकायत नंबर (Complaint Number) देती जो आपके के लिए होता है | आप बैंक शिकायत नंबर (Bank Complaint Number) के माध्यम से अपनी शिकायत का स्टेटस प्राप्त कर सकते है | जब बैंक शिकायत नंबर (Bank Complaint Number) दुबारा बताते है, तब आपको कस्टमर केयर एक्सक्यूटिव के सामने पूरी बाते आपको दोहरानी नहीं पड़ती है दूसरी तरफ बैठे कस्टमर केयर एक्सक्यूटिव को आपके द्वारा रजिस्टर करवाई गयी शिकायत (Grievance) की जानकारी हो जाती है |
आपके शिकायत करने पर भी बैंक आपकी शिकायत को अनदेखा करती है तो आप बैंक लोकपाल में अपनी शिकायत कर सकते | हर उपभोक्ता के पास बैंकिंग लोकपाल का एक सटीक अधिकार है | अगर बैंक (Bank) ने आपकी शिकायत को नहीं सुन रही है और अनदेखा कर रही है तो आप बैंकिंग लोकपाल की तरफ अपना रुख कर सकते है |
बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman):
बैंकिंग लोकपाल क्या है ? (What is Banking Ombudsman?)
बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) में बहुत ही उच्चस्तरीय अधिकारी होते है | जिनको आरबीआई (RBI), बैंक से सम्बंधित उपभोक्ता की शिकायतों के निवारण करने के लिए नियुक्त करता है | जिनके दफ्तर अधिकत्तर राज्य की राजधानी में होते है | इसके अंतर्गत कोई अधिकारी प्रतिनिधि आपकी शिकायत (grievance) को दर्ज कर सकता है | | सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की आपको बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) में शिकायत दर्ज करने के लिए को भी शुल्क (Fee) नहीं देना होता है |
बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) कैसे मामलों का देखता है?
- उपभोकता को भुगतान (payment), चेक (cheque), किसी भी प्रकार का ड्राफ्ट (Draft), या बिल (bill) के कलेक्शन देने में देरी या न होने की स्थिति में |
- RBI द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक राशि लेने के सम्बन्ध में |
- बैंक (Bank) की लापरवाही (Negligence) की वजह से या फिर किसी अन्य कारण से चेक के भुगतान (cheque payment) होने में देरी |
- अगर बैंक (Bank) आपका अकाउंट खोलने (open) और उसको बंद (close) करने में आनाकानी कर रहा हो |
- RBI के द्वारा निर्देशित ब्याज दर न देना और निर्देशित ब्याज दर से अधिक ब्याज लेना पर |
- RBI के debit और credit सम्बन्धी निर्देशों का उल्लंघन करने पर |
- अगर बैंक (Bank) आपको किसी भी मान्य सेवा (valid service) को देने से मना करता है |
- अगर बैंक कर भुगतान (Bank Tax Payment) लेने से मना करता है तब शिकायत करे |
- अगर बैंक (Bank) आपके अकाउंट (account) से बिना किसी पूर्व सूचना (prior information) के कोई राशि काटता (deduct) है तब शिकायत कर सकते है |
- खाते (account) को जबरन बंद (forcefully close) करवाने पर या बिना पूछे बंद (close) करने पर |
- RBI के द्वारा निर्धारित समय पर काम न करने पर |
- सिक्को (Coins) और रुपये (rupees) को बिना मान्य (vaild) कारण के न लेने पर |
और भी कई तरह की बैंक से सम्बंधित मामले बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) में देखे जाते है और उपभोक्ता की बैंक से सम्बंधित शिकायतों का समाधान भी किया जाता है |
बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) को लिखित रूप में, एक कागज पर अपनी शिकायत को लिख कर मेल पत्र के जरिये या फिर फैक्स के जरिये शिकायत कर सकते है | बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) ईमेल के जरिये भी शिकायते स्वीकार करता है | शिकायत को लिखते समय नाम, पता, मोबाइल नंबर, बैंक का नाम, ब्रांच, IFSC कोड, शाखा प्रबंधक का नाम, आपके साथ हुई पूरी घटना, आपने नुक्सान के बारे में और किसी प्रकार का हल चाहते है उसके सन्दर्भ में भी जरूर लिखे |
अगर 30 दिन के भीतर बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) से जवाब नहीं मिलता है या फिर जवाब आपके लिए संतोषजनक नहीं होता है, तो आप अपनी शिकायत को ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online consumer forum) या फिर कंस्यूमर कोर्ट (Consumer court) में कर सकते है |
Voxya, ऑनलाइन कंस्यूमर फोरम (online consumer forum) एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां पर आप बैंक सम्बंधित शिकायतों को दर्ज कर के अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते है | आप Voxya के माध्यम से बैंक को लीगल नोटिस (legal notice) और उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) में कंस्यूमर केस (consumer case) भी दर्ज कर सकते है |
बैंक से सम्बंधित शिकायत को दर्ज करने के लिए क्लिक करे :
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